जिम्मेदारियां और सत्यापन
जिला स्तरीय समितियों की भूमिका (20पीपी)
विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य, जिला और ब्लॉक स्तर पर जनप्रतिनिधियों की समितियां गठित की जाती हैं।
जनता से प्राप्त शिकायतों की जांच की जाती है और निवारण के उपाय किए जाते हैं। कुछ मामलों में राज्य स्तर से भी जांच गठित की जा सकती है।
उपाध्यक्ष (जिला स्तर) द्वारा जिले के प्रभारी माननीय मंत्री को सूचित करते हुए तिमाही समीक्षा बैठकें आयोजित करने का प्रावधान है।
डीएसटीओ कार्यालय में संबंधित विभागों से प्राप्त रिपोर्ट किए गए कार्यों का सत्यापन जिला टास्क फोर्स सदस्यों के माध्यम से किया जाता है।
झूठी या पारिवारिक आधार पर रिपोर्टिंग के मामले उपाध्यक्ष के संज्ञान में लाए जाते हैं।
राज्य स्तरीय 20 पीपी समिति: जिला स्तरीय समिति द्वारा योजनाओं के भौतिक सत्यापन में संबंधित विभाग द्वारा परिवहन जैसी रसद सहायता प्रदान करना शामिल है। यदि विभाग के पास वाहन नहीं है, तो जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं।
जिला/मंडल स्तरीय टास्क फोर्स समिति: कार्यों की गुणवत्ता की जांच के लिए शासनादेश संख्या 871/20 lw=h -5/2004-05 दिनांक 6 अगस्त 2004 के अनुसार जिला एवं मंडल स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इस आदेश के अनुसार प्रत्येक जिले एवं मंडल में 5-6 अधिकारियों की एक समिति नामित की जानी है। प्रत्येक अधिकारी कम से कम 25 इकाइयों का दौरा करेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि समिति द्वारा एक माह में 125 इकाइयों का सत्यापन किया जाए।