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    ब्लॉक स्तर

    बीस सूत्री कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से और समय पर कार्यान्वित करने के लिए, उत्तराखंड के माननीय राज्यपाल ने नियोजन विभाग के जी.ओ. संख्या 76/20-सू0का0/2004 दिनांक 21 फरवरी, 2004 और जी.ओ. संख्या 46वी.आई.पी/XXVI/20पीपी/2005 दिनांक 21 फरवरी, 2004 के तहत राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में ब्लॉक स्तरीय 20पीपी समिति के गठन को मंजूरी दे दी है। 10 मई, 2005.

    ब्लॉक स्तरीय समिति में निम्नलिखित शामिल हैं:
    पदनाम विवरण
    अध्यक्ष उप द्वारा मनोनीत। अध्यक्ष, राज्य स्तरीय 20पीपी समिति
    उपाध्यक्ष संबंधित उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम)
    सदस्य क्षेत्र से संबंधित संसद सदस्य
    सदस्य क्षेत्र से संबंधित राज्य विधान सभा के सदस्य
    सदस्य सचिव संबंधित खंड विकास अधिकारी (बीडीओ)

    उपर्युक्त के अलावा, 23 सदस्य जिनमें से प्रत्येक से कम से कम एक सदस्य ग्राम प्रधान/ब्लॉक पंचायत सदस्य/जिला पंचायत सदस्य/समन्वयक, पंचायत राज प्रकोष्ठ/स्वतंत्रता सेनानी/पूर्व सैनिक/युवा मंच/महिला मंच तथा क्षेत्र के विकास में योगदान देने वाले सुविख्यात व्यक्तियों को नामित किया जाएगा।

    उपरोक्त के अतिरिक्त राज्य सरकार ब्लॉक में 23 सदस्यों को नामित करेगी, जिनमें से प्रत्येक में ग्राम प्रधान/क्षेत्र पंचायत सदस्य/जिला पंचायत सदस्य/जिला पंचायत सदस्य/समन्वयक, पंचायत राज प्रकोष्ठ/स्वतंत्रता सेनानी/पूर्व सैनिक/युवा मंच तथा नागरिक समाज से कम से कम एक सदस्य होगा।

    समिति की बैठक तीन माह में एक बार आयोजित की जाएगी। अध्यक्ष की अनुपस्थिति में संबंधित उपमंडल अधिकारी (एसडीएम) बैठक की अध्यक्षता करेंगे।

    समिति के कार्य/अधिकार इस प्रकार होंगे:-

    1. जिला स्तरीय समिति की योजना, पर्यवेक्षण, निर्देशन, समन्वय और समन्वय।
    2. समिति कानूनी रूप से तय नीति और समय-सारिणी के अनुसार संपूर्ण 20 सूत्री कार्यक्रम का क्रियान्वयन सुनिश्चित करेगी।
    3. समिति को उन मदों की जांच करने का अधिकार होगा, जहां यह पाया जाता है कि उनका क्रियान्वयन सरकार द्वारा जारी नियमों या दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं किया जा रहा है। जांच के बाद समिति अपनी संस्तुतियां सक्षम प्राधिकारी को भेजेगी, जो विधि सम्मत अनुपालन सुनिश्चित करेंगे।
    4. आवश्यकतानुसार संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों को आमंत्रित करना तथा संबंधित विभागीय दस्तावेजों की समीक्षा करना।
    5. बैठक आयोजित करने की जिम्मेदारी प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) की होगी।

    प्रकाशित तिथि: 25-05-2022